बॉलीवुड के सबसे मशहूर कपल शाहरुख खान और गौरी खान के सबसे छोटे शहजादे अबराम खान 8 साल के हो गए हैं। अबराम का जन्म 27 मई, 2013 को सरोगेसी के जरिए हुआ था। जब यह बात दुनिया के सामने आई तो यही चर्चा होने लगी कि पहले से ही दो बच्चों सुहाना खान और आर्यन खान के माता-पिता होने के बावजूद शाहरुख और गौरी के मन में तीसरे बच्चे का ख्याल क्यों आया था? इसका खुलासा खुद शाहरुख ने 2013 में अबराम के जन्म के बाद एक इंटरव्यू के दौरान किया था।
शाहरुख ने कहा था कि, ‘मेरा बेटा 16 साल का और बेटी 13 की है। लेकिन पिछले चार-पांच साल से वे घर से बाहर ज्यादा रहने लगे, स्कूल जाने लगे। पहले वे बंदरों की तरह, बच्चों की तरह चिपके रहते थे और मैं उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता पाता था। लेकिन पिछले चार-पांच साल से माहौल ऐसा है कि बच्चे अपने दोस्तों के साथ अपने कमरों में रहने लगे हैं। हमें कभी-कभी यह भी पता नहीं चलता कि वे घर पर हैं या नहीं। हम बच्चों के साथ बिताए वक्त को याद करने लगे। आर्यन पढ़ाई के लिए लंदन चला गया और बेटी सुहाना भी विदेश में है। हम खुले विचारों के माता-पिता हैं। हमारे बच्चे जो चाहें, वो कर सकते हैं। लेकिन हम बच्चों को मिस करने लगे थे। यही वो समय था जब हमें लगा कि हमें एक और बच्चे की जरूरत है और उसके लिए हमने प्लानिंग करना शुरू कर दी।’
शाहरुख ने सरोगेसी का विकल्प क्यों चुना?
कहा जाता है कि, जब अबराम का जन्म हुआ तो गौरी खान की उम्र 40 के पार हो चुकी थी। और इस उम्र में बेबी कंसीव करना खतरनाक हो सकता था। इसलिए शाहरुख ने बेटे के जन्म के लिए सरोगेसी का सहारा लिया। अबराम के जन्म के वक्त शाहरुख की उम्र 47 साल थी।
आर्यन के जन्म के पहले गौरी के भी हुए मिसकैरेज
शाहरुख ने इंटरव्यू में अपने बच्चों के बारे में भी बात की थी और कहा था कि, ‘मेरे तीन बच्चे हैं और सभी की अलग-अलग कहानी है। इस वजह से सभी स्पेशल हैं। आर्यन के जन्म के पहले गौरी को कुछ मिसकैरेज हुए। जब वह पैदा हुआ, तब भी कुछ दिन बड़ी मुश्किल भरे थे। सुहाना का जन्म हमारे लिए एक्साइटिंग था, क्योंकि हम दोनों ही पहले बच्चे के रूप में लड़की चाहते थे। लेकिन वह दूसरे नंबर पर हुई। गौरी चाहती थी कि बच्चे मेरी तरह दिखें। इसलिए डिलिवरी के बाद वह मुझसे पूछती थी कि क्या वह तुम्हारी तरह दिखता/दिखती है। सालों बाद हमें लगा कि तीसरा बच्चा भी होना चाहिए तो हमने अबराम की प्लानिंग की।’
सरोगसी प्रक्रिया कई जोड़ों के लिए आशा की नई किरण
इसमें कोई शक नहीं कि एक स्वस्थ बच्चे के स्वागत के लिए सरोगेसी बेहद अच्छा तरीका है। सरोगेसी के जरिये अब तक सैकड़ों कपल्स अपना परिवार पूरा कर चुके हैं। वर्षों तक गर्भावस्था का प्रयास कर असफल होने वाले कपल्स के लिए सरोगेसी सबसे बेहतर समाधान है। अन्य किसी प्रजनन उपचार की तुलना में सरोगेसी एक स्वस्थ गर्भधारण के सिद्ध रिकॉर्ड के साथ सबसे बेहतर विकल्प है। हालांकि, इसके लिए दोनों पक्षों की तरफ से कमिटमेंट होना भी जरूरी है। सरोगेसी की प्रक्रिया में आगे बढ़ने से पहले आपको इससे संबंधित सभी कारकों पर विचार करना जरूरी है। ऐसे माता-पिता जो अपना बच्चा पैदा होने की आशा खो चुके हैं और जो बांझपन से जूझ रहे हैं, वे सरोगसी के जरिए अपने माता-पिता बनने के सपने को सच होते देख सकते हैं।
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