पहले के समय में शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए पेड़-पौधों से मिलने वाले तेल का प्रयोग किया जाता था जिसे ‘अरोमाथेरेपी’ कहा जाता है। पौधों की जड़ों, पत्तियों और फूलों से निकाले हुए तेलों का स्नान में, भाप लेने में, फेशियल, कैंडल्स और मसाज में उपयोग करके अरोमाथेरेपिस्ट आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं। क्या आपने कभी अरोमाथेरेपी और आवश्यक तेलों की प्रवृत्ति में वृद्धि के बारे में भी सुना है? क्या आप इन आवश्यक तेलों को आजमाना चाहते हैं लेकिन उनके बारे में कुछ नहीं जानते? तो फिक्र मत कीजिये इस लेख के माध्यम से आप अरोमाथेरेपी के बारे में सब कुछ जान जाएंगे।
अरोमाथेरेपी क्या है?
अरोमा थेरेपी एक हीलिंग ट्रीटमेंट है, जिससे आप कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से राहत पा सकते हैं। इस थेरेपी में पौधे के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। मन और दिमाग को शांत करने के लिए अधिकतर लोग अरोमा थेरेपी का सहारा लेते हैं। चूंकि अरोमाथेरेपी सुगंधित संभावित तेलों का उपयोग करती है, इसलिए इसे आवश्यक तेल चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है। इस थेरेपी द्वारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाता है। अगर आप काफी दिनों से स्ट्रेस फील करते हैं, तो अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए इसका इस्तेमाल मेडिसीनल रूप में करें। इस थेरेपी का इस्तेमाल कई देशों में बढ़-चढ़ कर दिया जाता है। प्राचीन भारत में अरोमा थेरेपी को चिकित्सा पद्धति के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अरोमा थेरेपी लेने से आपके शरीर को कई फायदे हो सकते हैं। आइए जानते हैं अरोमा थेरेपी का तरीका क्या है और इसे फायदे क्या-क्या हैं?
बहुत से लोग अरोमाथेरेपी को कला, प्रकृति और विज्ञान के संयोजन के रूप में मानते हैं। यह उपचार पिछले एक हजार वर्षों से होता आ रहा है लेकिन हाल के दिनों में यह चिकित्सा और विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लोकप्रिय हो गया है।
चीन, भारत, मिस्र और अन्य स्थानों में प्राचीन सभ्यताओं ने रेजिन, लोशन, मलहम और तेलों में सुगंधित पौधों के तत्वों को मिलाया। इन प्राकृतिक तत्वों का उपयोग चिकित्सा और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए किया गया था। उन्हें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के लाभ होने के लिए मान्यता दी गई थी।
अरोमा थेरेपी में इस्तेमाल होने वाले जरूरी तेल
- काली मिर्च का तेल
- यूकेलिप्टस तेल
- कैमोमाइल तेल
- लौंग का तेल
- जैस्मिन तेल
- लैवेंडर तेल
- नींबू का तेल
- टी ट्री तेल
- रोजमेरी तेल
- जोजोबा तेल
- रोजवुड तेल
अपनी समस्याओं के मुताबिक, इन तेलों का चुनाव करके अरोमा थेरेपी ले सकते हैं। एक्सपर्ट आपको आपकी समस्याओं के आधार पर इन तेल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
क्या अरोमाथेरेपी के लिए इस्तेमाल करने वाले आवश्यक तेल सुरक्षित हैं?
अरोमाथेरेपी बाजार में अपनी जड़ें जमा रही है और इस प्रकार इसकी सुरक्षा के बारे में भी कई बार सवाल उठते हैं। अधिकांश उपयोगकर्ता आवश्यक तेल का उपयोग करते समय सुरक्षा जोखिम के बारे में नहीं जानते हैं। बता दें आवश्यक तेल आपके लिए सुरक्षित है या नहीं यह कई कारकों पर निर्भर करता है जिनमें आमतौर पर शामिल हैं:
- आपकी उम्र
- स्वास्थ्य की स्थिति
- दवाओं के अन्य उपयोग
- तेल की गुणवत्ता
- उपयोग विधि
- खुराक
तेलों का सुरक्षित रूप से उपयोग कैसे करें और यदि आप किसी दुष्प्रभाव का अनुभव करते हैं तो क्या करना है, यह जानने के लिए आपको किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
अरोमाथेरेपी के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
आमतौर पर तीन अलग-अलग प्रकार की अरोमाथेरेपी होती है जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं-
डायरेक्ट इनहेलेशन
इस थेरेपी में मरीजों को सीधे तौर पर एसेंशियल ऑयल सुंघाया जाता है। इसके लिए सबसे पहले गर्म पानी में एसेंशियल तेल की कुछ बूंदे डाली जाती हैं। इसके बाद भाप के सहारे मरीजों के शरीर में इसे पहुंचाया जाता है। इसे ही डायरेक्ट इनहेलेशन अरोमा थेरेपी कहते हैं।
इनडायरेक्ट इनहेलेशन
इस थेरेपी में मरीजों को अप्रत्यक्ष रूप से थेरेपी दी जाती है। इसमें मरीज को एसेंशियल ऑयल डाइरेक्ट सुंघाया नहीं जाता है। बल्कि एक कमरे में रूम डिफ्यूजर की मदद से एंसेंशियल ऑयल की खूशबू भर दी जाती है। इसके बाद मरीजों के शरीर में सांसों की मदद से एसेंशियल ऑयल पहुंचाया जाता है। इसके अलावा कुछ लोग रुई या फिर कॉटन में एसेंशियल ऑयल लगाकर छोड़ देते हैं। इसे ही इन डायरेक्ट इनहेलेशन कहते हैं।
मसाज
एसेंशियल ऑयल से मसाज करना भी अरोमा थेरेपी का ही हिस्सा है। इस थेरेपी में एक से अधिक तेलों को बेस्ड ऑयल (नारियल, तिल या फिर सरसों का तेल) मिलाकर पूरे शरीर की मसाज की जाती है। इसमें आप रोजवुड, चंदन, जोजोबा ऑयल इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अरोमा थेरेपी के फायदे
- शारीरिक दर्द महसूस होने पर आप अरोमा थेरेपी की मदद ले सकते हैं।
- मितली की परेशानी से राहल दिलाने में असरदार।
- थकान और इंसोम्निया महसूस होने पर अरोमा थेरेपी है असरदार।
- एंग्जायटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस की समस्या दूर करे अरोमा थेरेपी।
- सिरदर्द और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाए अरोमा थेरेपी।
- पीरियड्स की समस्याओं में है लाभकारी।
- मेनोपॉजल में होने वाली समस्याओं से राहत दिलाए अरोमा थेरेपी।
- बाल झड़ने या एलोपेशिया एरिटा में है लाभकारी।
- सोरियासिस की समस्या से मिल सकता है छुटकारा।
- पाचन तंत्र की समस्याओं में है असरकारी।
- दांत दर्द की परेशानी दूर करे अरोमा थेरेपी।
अपने लिए अरोमाथेरेपी तेल का चुनाव किसे करें?
यदि आप अरोमाथेरेपी शुरू करने की सोच रहे हैं और अपने लिए एक कामुक तेल चुनना चाहते हैं लेकिन भ्रमित हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। यहां हमने आपको अपने लिए अरोमाथेरेपी तेल चुनने के लिए सब कुछ बताया जाएगा।
आवश्यक तेल चुनने में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम यह जानना है कि आप तेलों से क्या लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। क्या आप अपने मूड को ठीक करना चाहते हैं या क्या आपको जलन का इलाज करने की आवश्यकता है? आपको एक सूची बनानी होगी कि आप तेल से क्या लाभ प्राप्त करना चाहते हैं और फिर सही तेल चुनें जो आपको सभी लाभ प्रदान करे।
आप जो भी लाभ लेना चाहते हैं उसकी सूची बनाने के बाद अपना तेल चुनने के लिए किसी भी अच्छी किताब की मदद ले सकते हैं।
अपने लिए अरोमाथेरेपी तेलों को चुनने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह लें।
दुष्प्रभाव
अधिकांश एसेंशियल ऑयल उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं। लेकिन इनका उपयोग करते समय आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, साथ ही साइड इफेक्ट्स से आपको अवगत होना चाहिए, खासकर यदि आप किसी भी प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाओं का सेवन करते हो।
- सीधे आपकी त्वचा पर एसेंशियल ऑयल लागू न करें।
- तेल को पतला करने के लिए हमेशा एक वाहक तेल का उपयोग करें।
- एसेंशियल ऑयल का उपयोग करने से पहले एक त्वचा पैच परीक्षण करना याद रखें।
- आपकी त्वचा सूरज के प्रति अधिक सेंसेटिव होती है, ऐसे में अगर आप साइट्रस तेल का इस्तेमाल करते है तो आपको धूप से बचना चाहिए।
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