क्या और कैसे होता है टेस्ट ट्यूब बेबी?
वर्तमान समय में टेस्ट ट्यूब बेबी किसी चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि यह एक ऐसी आधुनिक चिकित्सा है, जिसके द्वारा बांझपन से ग्रसित दंपतियों को इसके उपचार के माध्यम से संतान सुख की प्राप्ति होती है। भारत का आज भी एक वर्ग ऐसा है जिसे अभी तक इस आधुनिक टेक्नोलॉजी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, कि टेस्ट ट्यूब बेबी या आईवीएफ अर्थात इन-विर्टो फर्टिलाइजेशन क्या है?
टेस्ट ट्यूब बेबी एक ऐसी आधुनिक चिकित्सा का नाम है जिसे हम आईवीएफ के नाम से भी जानते हैं। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से उन महिलाओं को बहुत अच्छा लाभ या वरदान के जैसा साबित हुआ है । जो महिलाएं प्राकृतिक रूप से बच्चों को जन्म देने में असमर्थ होती हैं उन्हें यह एक चमत्कार जैसा है। इस प्रक्रिया का नाम टेस्ट ट्यूब बेबी भले ही है परंतु इसमें बच्चे का विकास ट्यूब में नहीं होता है बल्कि पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से मां के गर्भ में ही होता है।
टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ यह दोनों एक ही हैं इनमें कोई भी किसी भी प्रकार की असमानता नहीं है। केवल इनका नाम अलग-अलग है। टेस्ट ट्यूब बेबी की पद्धति एक ऐसी आधुनिक पद्धति है, जिसके द्वारा महिला के अंडाशय से अंडो को अलग करके उसे पुरुष के शुक्राणुओं के साथ एक आधुनिक लैब में फर्टिलाइज किया जाता है। इसके उपरांत जैसे ही एंब्रियो तैयार हो जाता है तो उस एंब्रियो को पुनः महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर देते हैं । इस आधुनिक प्रक्रिया को आईवीएफ चिकित्सा या फिर टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता है।
किन महिलाओं को टेस्ट ट्यूब बेबी की आवश्यकता होती है?
जो महिलाएं इनफर्टिलिटी जैसी समस्या से ग्रसित हैं उनको यह आईवीएफ टेक्नोलॉजी एक वरदान के जैसी है। बांझपन दंपत्तियों को डाक्टरों के द्वारा प्रमुखता से आईवीएफ की ही सलाह दी जाती है।
यह टेस्ट ट्यूब बेबी की टेक्नोलॉजी उन दंपतियों के लिए बहुत ही कारगर है जिनकी फेलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज के कारण उन्हें संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है।
- ओवुलेशन की परेशानी होने पर महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं और ऐसे में आईवीएफ की मदद से ओवुलेशन की समस्या को दूर कर महिला को गर्भ धारण कराया जा सकता है।
- यदि किसी महिला के गर्भाशय में कोई समस्या है या फिर उसका आकार सही नहीं है, तो भी टेस्ट ट्यूब बेबी या आईवीएफ पद्धति के माध्यम से इस समस्या को दूर कर संतान सुख की प्राप्ति पूरी तरीके से कराई जा सकती है।
- बच्चेदानी में रसौली होने के कारण महिलाओं को बांझपन जैसी समस्या हो जाती है तो ऐसे में आईवीएफ के द्वारा इस रसौली की समस्या को दूर करके संतान सुख दिलाया जा सकता है।
- इन सभी समस्याओं के साथ साथ भी यदि पुरुष बांझपन के कुछ भी लक्षण है, जैसे कि शुक्राणुओं का खराब आकार तथा शुक्राणु की संख्या में कमी या फिर उनकी गति में कमी होने के कारण भी इनफर्टिलिटी की समस्या होती है। इस समस्या को भी आईवीएफ टेक्नोलॉजी के माध्यम से रिजॉल्व किया जा सकता है।
टेस्ट ट्यूब बेबी कैसे होता है?
अब हम यहां पर आपको क्रमवार तरीके से समझाने की कोशिश करेंगे कि आखिर टेस्ट ट्यूब बेबी कैसे होता है? इसको स्टेप बाय स्टेप कैसे किया जाता है यह पूरी तरह से स्पष्ट किया गया है।
- टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया के प्रथम स्टेट में महिला को कुछ इंजेक्शन दिए जाते हैं जिसके द्वारा महिला के अंडे अधिक मात्रा में विकास कर सकें।
- इसके बाद पुरुष के सीमन को लैब में साफ किया जाता है और फिर अच्छे से उसके शुक्राणुओं को आधुनिक तकनीकी के माध्यम से अलग किया जाता है।
- महिलाओं के गर्भाशय से अंडे निकाल कर के उसे बाहर रख लिया जाता है।
- यह सब पद्धति पूर्ण होने के बाद आधुनिक लाइफ में पेट्री डिश में अंडों और शुक्राणुओं को एक साथ मिलाकर फर्टिलाइजर किया जाता है।
- फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद तीसरे दिन तक एंब्रियो पूरी तरह से तैयार हो जाता है।
- एंब्रियो के तैयार होने के पश्चात कैथिटर की सहायता के द्वारा महिला के गर्भाशय में एंब्रियो स्थापित कर दिया जाता है।
- अधिकांश बार ऐसा भी होता है कि भ्रूण (एंब्रियो) को 5 दिन तक की निगरानी के बाद महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। यदि चिकित्सक के द्वारा एंब्रियो को 5 दिन के बाद गर्भ में स्थानांतरित किया जाता है तो गर्भधारण की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है ऐसा बहुत बार प्रैक्टिकली भी हुआ है जो कि डाक्टरों से बातचीत करने के बाद पता चला है।
टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए एक प्रश्न बहुत अधिक पूछा जाता है कि इस टेस्ट ट्यूब बेबी चिकित्सा में आखिर खर्चा कितना लगता है?
आईवीएफ ट्रीटमेंट की कीमत अलग-अलग हॉस्पिटल या फिर क्लीनिक की अलग-अलग होती है क्योंकि हर हॉस्पिटल या क्लीनिक में अलग अलग ही फैसिलिटी प्रोवाइड कराई जाती हैं इसलिए इस आईवीएफ ट्रीटमेंट में फैसिलिटी का भी खर्चा जुड़ जाता है। यदि कोई कपल्स आईवीएफ ट्रीटमेंट लेना चाहता है तो इसकी सामान्य कीमत ₹100000 से लेकर 150000 के बीच होती है।
टेस्ट ट्यूब बेबी या आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए इंडिया आई वी एफ एक बेहतर विकल्प साबित होता है।
इंडिया आईवीएफ नेशनल और इंटरनेशनल लेवल का एक बेस्ट फर्टिलिटी क्लीनिक है। यहां के प्रशिक्षित डॉक्टर आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए पूरी तरह से सफल एवं सक्षम है। इंडिया आईवीएफ सेंटर में एडवांस टेक्नोलॉजी एवं एडवांस टूल्स के प्रयोग के द्वारा जांच की जाती हैं और यह जानकारी हमारे क्लीनिक में पूरी तरह से गुप्त रखी जाती है। इंडिया आईवीएफ ने अभी तक ना जाने कितने ही सफल आईवीएफ ट्रीटमेंट किए हैं जिसके द्वारा बहुत सारी महिलाओं को मां बनने का सुख प्राप्त हुआ है।
हमारे इंडिया आईवीएफ क्लीनिक में एक और भी सुविधा है जिसका नाम है आईविटनेस। यह आई विटनेस एक ऐसी पद्धति है जिसमें यदि कोई भी किसी भी प्रकार की आईवीएफ ट्रीटमेंट में गलती हो जाती है, तो इसके द्वारा उसे रोकने में काफी सहायता प्राप्त होती है। इस आई विटनेस में यह पूरी तरह से सुरक्षित हो जाता है कि एंब्रियो के लिए आपका ही सैंपल अर्थात अंडा और शुक्राणु है। वर्तमान समय में लोगों को सिनेमा जगत में प्रचलित बहुत सारी फिल्मों को देखने के बाद अत्यधिक जागरूकता बढ़ी है जिसके द्वारा लोग इस आई विटनेस के लिए काफी मांग करते हैं और इंडिया आईवीएफ लोगों की मांग को पूरी तरह से कंप्लीट करता है।
यदि आप या आपके किसी मित्र या रिश्तेदार में से कोई भी इनफर्टिलिटी जैसी समस्या से परेशान है तो अब परेशानी जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि हम टेस्ट ट्यूब बेबी या आईवीएफ टेक्नोलॉजी के माध्यम से आप को संतान सुख दिलाने की पूरी कोशिश करते हैं और इसके लिए पूर्णता संकल्पित भी हैं।
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